Ashok Thakur

Friday, 25 December 2015

प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त समाप्त करने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य : अशोक ठाकुर

अशोक ठाकुर, बीजेपी  

अशोक ठाकुर ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त समाप्त करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और इसे किसानों के हित में किया गया फैसला बताया इस निर्णय के लिए किसानों की ओर से प्रधानमंत्री एवं कृषि मंत्री का आभार भी प्रकट किया उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसल प्याज उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत लाने बाला है पहले तो इस बर्ष के प्रारंभ में गैर मौसमी मुसलाधार बर्षा के कारण प्याज की फसल खराब होने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था जिसका फायदा विचौलियों ने उठाकर प्याज के दाम आसमान पर पहुंचा दिए थे और सरकार को प्याज की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करना पडा था उससे देः के अन्दर प्याज की कीमतें तो निचे आ गयी थी परन्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्याज की निरंतर आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने के भारत से प्याज आयात करने बाले देशों की नजरों में भारत की साख में भी गिरावट देखी गयी थी प्याज उत्पादक अन्य देशों जैसे की पाकिस्तान, चीन, एग्य्प्त व इरान आदि देशों ने फायदा उठाकर अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अपना प्रभाव जमा लिया था जिसके कारण बर्तमान न्यूनतम निर्यात मूल्य में भारत के व्यापारी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में टिक नहीं पा रहे थे
दूसरी तरफ खरीफ की फसल में कम बर्षा एवं अनुकूल जलवायु के कारण प्याज का बम्पर उत्पादन हुआ और बाजार में प्याज की आवक बड़ी तेजी बढ़ गयी साथ ही इस प्याज की आयु भी कम है जिसके कारण इसका लम्बे समय तक भण्डारण करना संभव नहीं है इस प्रकार निर्यात में गिरावट और बाजार में भारी आवक के कारणों से  प्याज की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है प्याज उत्पादक किसानों, विशेषकर महाराष्ट्र में नासिक और उसके आसपास के जिलों, को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है

पहले ही सूखे कारण किसानों के हालात ठीक नहीं थे और अब यदि इस नकदी फसल में भी नुक्सान उठाना पड़ता तो किसान कहीं का भी नहीं रहेगा इसलिए मैं समझता हूँ कि समय रहते लिया गया ये सरकार का निर्णय किसानों के हित में है और हम सब इसका स्वागत करते हैं सरकार से हम ये भी आग्रह करते हैं कि यदि इस फैसले के बाद में प्याज की कीमतें निचे बनी रहती हैं तो सरकार को निर्यात पर प्रोत्साहन राशी जारी करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हमारे व्यापारी दुसरे उत्पादक देशों से प्रतिस्पर्धा कर सकें |    

Friday, 18 December 2015

अशोक ठाकुर, बीजेपी  
केजरीवाल के पैंतरों को समझने लगी है अब दिल्ली की जनता 
पहले जब विधायकों की ४००% सैलरी बढ़ाने पर सवाल खड़े किये गए तो बड़ी चालाकी से प्रदूषण का मुद्दा उठा दिया गया और जनता का ध्यान सम-विषम में उलझा दिया और अब जब उनके भ्रष्ट प्रधान सचिव पर जाँच एजेंसी ने करवाई प्रारंभ की जिसे केजरीवाल पिछले ०७ महीने से दबाये बैठे थे तो पूरी आम आदमी पार्टी बोखला गयी है केजरीवाल और राजेन्द्र कुमार के मिले जुले घाल-मेल से जनता का ध्यान भटकाने के लिए अरुण जेटली पर निराधार आरोप लगा रहे हैं जिसमें पहले ही कांग्रेस सरकार के समय जाँच हो चुकी है और कारवाई लायक कुच्छ भी नहीं था आम आदमी पार्टी के लोग मिडिया के सबालों का कोई जबाब नहीं देते हैं केवल एक झूठ का पुलिंदा लेकर मिडिया के सामने आते हैं और उसको पड़ कर भाग लेते हैं आखिर सबालों से कब तक भागते रहेंगे |
केजरीवाल की पार्टी कहती है कि यदि केजरीवाल साहेब को सपने में भी भ्रष्टाचार दिखाई दे तो उसकी जाँच की जानी चाहिए जब कांग्रेस के समय में एक मुद्दे पर जाँच हो चुकी है तो क्या जनता के पैसे को केजरीवाल के झूठे सपनों के लिए बर्बाद किया जाएगा यदि एनडीटीवी के एकंर रवीश और केजरीवाल की बात मान ली जाये तो देश के कुल जीडीपी का ५०% इन्हीं कामों पर खर्च हो जायेगा और देश में दूसरा काम ही नहीं होगा