Ashok Thakur

Monday 13 June 2016

पानी की कमी पर दिल्लीवासियों को गुमराह कर रही है केजरीवाल सरकार - अशोक ठाकुर

Ashok Thakur      
नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर ने कहा कि दिल्ली में लोग पानी की एक एक बूंद के लिए तरस रहे हैं हालात इतने खराब हैं कि पानी की किल्लत के कारण लोग आपस में मारपीट कर रहे हैं और संगम बिहार की स्थानीय जनता ने आम आदमी पार्टी के विधायक के साथ मारपीट तक कर डाली और संगम बिहार जैसी स्थिति दिल्ली की ७० में से ४० विधानसभाओं में है जहां की जनता पानी नहीं आने के कारण हैरान-परेशान है और ये हम नहीं कह रहे हैं स्वयं दिल्ली जल बोर्ड भी स्वीकार कर रहा है परन्तु केजरीवाल साहेब ये जानते हुए भी कि, गंगा से मिलने बाले पानी की कटौती से अनेक शोधन संयंत्र बंद होने के कगार पर हैं, ये कह रहे हैं की दिल्ली में पानी की कोई कमी नहीं है और दिल्ली की जनता के दर्द को भुलकर अन्य राज्यों को सहायता की बात कर रहे हैं जो अपने आप में हतप्रद करने बाली है 
     एक तरफ तो पानी की कमी है और दूसरी तरफ टैंकर माफिया हावी है कहने को तो टैंकर माफिया पर लगाम लगाने के दावे हो रहे हैं परन्तु जमीनी सचाई ये है कि शीला सरकार के समय प्राइवेट टैंकर की जो कीमत अदा करनी पड़ती थी आज जनता को पानी के टैंकर की दो से तीन गुना कीमत देनी पड़ रही है जिसमें आम आदमी की जेब कट रही है और टैंकर माफिया तथा कुछ नेताओं की चांदी कट रही है मैं केजरीवाल सहे से पूछना चाहता हूँ कि कितनी लीकेज कम हुई है आज भी ४० से ५० प्रतिशत की लीकेज क्यों हो रही है आखिर ये पानी कहाँ जा रहा है वास्तव में लोगों को ये पता होना चाहिए कि पानी की चोरी को लीकेज के नाम पर छुपाया जाता है दिल्ली में लगभग ६ हजार पानी के टैंकर हैं जिसमें से बड़ी संख्या में टैंकर होटलों, फार्म हॉउसों और निजी बिल्डरों को पानी सप्लाई में लगे हुए हैं आज भी गोल्फ कोर्सों, क्रिकेट मैदानों और होटलों में इतना पानी उपयोग होता है कि उससे से दिल्ली की आबादी के बड़े हिस्से को पानी की आपूर्ति की जा सकती है परन्तु केजरीवाल सरकार ने पानी के दुरपयोग पर लगाम लगाने की कोशिश नहीं की है उल्टा जनता को गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है जिससे बीमारियाँ फैलने का भी डर है उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली वासियों की पानी की समस्या हल करने में पूरी तरह असफल है
     उल्टा पंजाब में चंद वोटों के खातिर दिल्लीवासियों के हितों से खिलबाड़ करे रहे हैं पंजाब में लोगों को SYL समझौता रद्द करने के लिए उकसा रहे हैं जिसके तहत दिल्ली को कुल आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा पानी का मिलता है यहाँ ये जानना जरूरी है कि पानी की आपूर्ति में हरियाणा का कोई लेना देना नहीं हैं दिल्ली को अपने हिस्से का पानी समझोते के तहत मिलता है श्री आशोक ठाकुर ने केजरीवाल से सवाल पूछा है कि वो दिल्ली की जनता को बताएं कि यदि पंजाब में उनकी सरकार बनती है तो क्या पंजाब में किये बादे के अनुसार दिल्ली का पानी बंद कर देंगे अब एक बात तो स्पष्ट है कि केजरीवाल पंजाब अथवा दिल्ली की जनता में से किसी एक से तो झूठ बोल रहे हैं जिसका उतर बही दे सकते हैं
मुझे आश्चर्य होता है कि आज सभी श्रोतों से पानी की अधिकतम उपलब्धता ८८८ एमजीडी है अर्थात यदि यमुना, गंगा और अन्य नदियों से पूरा हिस्सा मिलने, शोधन यंत्रों की पूरी क्षमता से काम करने और जमीन के निचे से दोहन के करने के ८८८ एमजीडी पानी ही उपलब्ध हो सकता है जो लगभग असंभव है तो आखिर दिल्ली सरकार ९०० एमजीडी अपनी की उपलब्धता का दावा कैसी कर रही है बड़ी-बड़ी बातें करने बाले केजरीवाल साहेब से पूछना चाहता हूँ कि पिछले एक बर्ष में पानी का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्होंने कितनी वाटर बॉडी का निर्माण किया, रेन हार्वेस्टिंग के लिए कितने प्रयास किये, जमीन में रिचार्जिंग के लिए तालब रिवाइवल पर कितना काम हुआ और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आज भी ६०% की क्षमता से क्यों काम कर रहे हैं लीकेज आज भी ४० से ५० प्रतिशत क्यों बनी हुई उसको कम करने के लिए क्या किया गया पानी के सबसे बड़े श्रोत यमुना खादर से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या प्रयास किये गये और दिल्लीवासियों की भावी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्या योजना है
     इसके अलावा जिन लोगों ने एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य समझ कर पानी के बिलों का भुगतान किया था उनका क्या कसूर है जो उनकी बजाय बिल का बर्षों से भुगतान नहीं करने बाले लोगों के बिल माफ़ कर दिए और इनके साथ धोखा किया आज वो सभी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं आखिर उन्होंने केजरीवाल साहेब की इमानदारी की अपील पर भरोशा कर कौन सा अपराध किया है शीला दीक्षित के खिलाफ करवाई के लिए पत्र लिखने पर कपिल मिश्रा का मंत्रालय क्यों छिना गया और टैंकर घोटाले की फाइलें कहाँ खो गयी हैं और वाटर बेन्डिंग मशीन के घोटाले की जाँच से सरकार क्यों भाग रही है यमुना की सफाई और यमुना खादर में अतिक्रमण को लेकर धरने पर बैठने बाले मंत्री आजकल कभी यमुना की आरती उतार कर, कभी नाक में कपड़ा बांधकर किस्ती की सवारी कर और कभी सफाई के नाम पर फोटो खिंचवाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ले रहे हैं हजारों करोड़ खर्च करने के बाद यमुना आज भी मैली की मैली क्यों है आखिर जलबोर्ड के घोटालों पर चुपी क्यों साध ली है किसी से नहीं डरने का दावा करने बाले आज भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने से इसलिए डर गए कि कहीं कुर्सी न चली जाए और सबसे बड़ी बात केजरीवाल साहेब शीला जी को क्यों बचाना चाहते हैं पर्दे के पीछे उनसे क्या समझौता है ये जनता जानना चाहती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष के नाम पर उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ क्या छल किया है जो आज उनके दुश्मन बन गये हैं और कभी स्याही, कभी थप्पड़ और कभी जूता क्यों चला रहे हैं कहीं वो सच्चाई तो नहीं जान गये जिससे दिल्ली की जनता अभी अनभिज्ञ है जिससे ध्यान भटकाने के लिए कभी केजरीवाल तो कभी उनके मंत्री प्रधानमन्त्री जैसे गरिमामय पद की गरिमा गिराने के लिए अभद्र टिप्पणियाँ करते हैं और कभी-कभी तो गाली भी दे देते हैं क्योंकि इससे आसान काम कोई और हो भी नहीं सकता है