Ashok Thakur

Sunday 12 August 2018


फिटनेस अच्छी सेहत के लिए है .. राजनीति के लिए नहीं-अशोक ठाकुर 



केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने लोगों को फिट रखने के लिए एक मुहिम शुरु की है। उन्होंने ट्वीटर पर एक वीडियो अपलोड किया है। इस वीडियो में वह अपने दफ्तर में व्यायाम करते दिखाई दे रहे हैं। हम फिट तो इंडिया फिट हैशटेग से उन्होंने फिटनेस चैलेंज शुरु किया है। चैलेंज के लिए राठौड़ ने लोगों से व्यायाम करते हुए अपना-अपना वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी करने की अपील की है। उनका कहना है कि ऐसा करने की प्रेरणा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली है। प्रधानमंत्री के लगातार देश की जनता के लिए काम करने की सक्रियता से प्रेरित राज्यवर्धन कहते हैं कि प्रधानमंत्री में जबरदस्त ऊर्जा है। प्रधानमंत्री दिन-रात लगातार काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री से प्रेरित होकर चाहता हूं सभी लोग अपना व्यायाम करते हुए वीडियो बनाए और दूसरों को प्रेरित करें। हम सब स्वस्थ रहें, इस ध्येय को लेकर ही मैंने इस मुहिम को शुरु किया ।
महात्मा गांधी हमेशा अरस्तु के इस कथन से कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन निवास करता है, लोगों को स्वस्थ और स्वच्छ रहने की प्रेरणा देते थे। महात्मा गांधी ने स्वस्थ रहने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और संयम से जीने का मंत्र दिया। गांधीजी कहते थे कि स्वस्थ वहीं है जिसे कोई बीमारी न हो। उन्होंने लोगों को ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने की प्रेरणा दी। स्वच्छ रहने के साथ ही उन्होंने शरीर को सही रखने के लिए सप्ताह में एक दिन उपवास करने और शाहाकारी बनने के लिए लोगों को मंत्र दिया। गांधी जी कहते थे कि दिन में इतना परिश्रम करें कि रात को लेटते ही नींद आ जाए। परन्तु महात्मा गाँधी की ये सोच आज की कांग्रेस की सोच के एकदम विपरीत है यदि आज ये वात कही होती तो शायद उनको सांप्रदायिक और दकियानूसी सोच बाला कहा गया होता 
ओलम्पिक में रजत पदक हासिल करने वाले राज्यवर्धन ने स्वस्थ रहने के लिए लोगों को हम फिट तो इंडिया फिट मुहिम चलाई है। अपनी मुहिम के लिए उन्होंने विराट कोहली, रितिक रोशन और सायना नेहवाल को चैलेंज दिया था। उनके चैलेंज को स्वीकार करते हुए विराट कोहली ने कसरत की और मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए महेंद्र सिंह धोनी, अपनी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज दिया। विराट ने लिखा भी कि ”मैं राठौर सर का दिया फिटनेस चैलेंज स्वीकार करता हूं। अब मैं ये चैलेंज अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा, हमारे पीएम नरेंद्र मोदी और धोनी भाई को देता हूं। विराट कोहली की इस पहल पर सबसे पहले पीएम मोदी का ट्वीट आया और उन्होंने लिखा कि विराट का चैलेंज स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि विराट का चैलेंज स्वीकार है। मैं जल्द ही वीडियो के जरिए अपना फिटनेस चैलेंज शेयर करूंगा। राज्यवर्धन सिंह की इस मुहीम को हमारे युवा खिलाडियों और अभिनेताओं का अच्छा समर्थन मिला और कांग्रेस की विरोध की बाद अच्छा प्रचार भी मिला हमें इन सभी युवराजों का धन्यावादी होना चाहिए जिनके नकरात्मक विरोध से भी सकरात्मक परिणाम निकला और इस मुहीम को अपेक्षा से अधिक प्रचार मिला इसलिए यहाँ ये कहावत चरितार्थ होती है कि "मुदई लाख बुरा चाहे पर होता बही है जो मंजूरे खुदा होता है" |
कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चैलेंज स्वीकार करना नहीं भाया और राहुल गांधी ने फिटनेस मंत्र पर राजनीति शुरु कर दी है। अपने को महात्मा गांधी का अनुयायी बताने वाले कांग्रेस के नेता राज्यवर्धन की लोगों को स्वस्थ रखने की मुहिम से पता नहीं क्यों इतने परेशान हो गए हैं ? राहुल गांधी ने हम फिट तो इंडिया फिट’ चैलेंज अब राजनीतिक चैलेंज में तब्दील कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि “मुझे यह देखकर खुशी हुई कि आपने विराट कोहली का चैलेंज मंजूर किया। एक चैलेंज मेरी तरफ से भी। पेट्रोल-डीजल के दाम घटाएं, नहीं तो फिर कांग्रेस देशभर में आंदोलन करेगी और आपको ऐसा करने के लिए मजबूर करेगी परन्तु ऐसा करते बक्त बे भूल गए की अनेक राज्यों में उनकी सरकार भी काम कर रही है जो पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने को तैयार नहीं है जोकि देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले ज्यादा है | राहुल गांधी को राजनीति करने के लिए केवल आलोचना ही नहीं करनी चाहिए बल्कि होना तो यह चाहिए था कि देश के लोगों को जागरूक करने के लिए कांग्रेस के नेताओं को प्रधानमंत्री और खेलमंत्री की इस पहल का स्वागत करते । महात्मा गांधी जानते थे कि गांवों और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब लोग रोजी-रोटी के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं और उन्हें अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान नहीं रहता है। इसीलिए उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा पर जोर दिया, लोगों को संयमित जीवन का मंत्र दिया और लोंगों को स्वच्छ रहने के लिए प्रेरित किया । परन्तु कांग्रेस की आज की पीढ़ी इस पहल के महत्व को न समझ सकी परन्तु भाजपा ने इस मन्त्र के महत्व को समझा 
हमारे देश में स्वस्थ रहने के लिए जागरुकता बढ़ी है। हर शहर में सुबह-शाम पार्कों में सैर करने वालों और स्वच्छता के आग्रह करने बालों की संख्या बढ़ी है। लोगों की योग और ध्यान में लगातार दिलचस्पी बढ़ी है। दफ्तरों में भी फिट रहने के लिए जिम बनाए गए हैं। भागदौड़ की जिंदगी में लोग स्वस्थ रहे इसके लिए बार-बार जागरूकता बढ़ाई जा रही है। हम देख रहे हैं कि भागदौड़ की जिंदगी में युवा बीमार हो रहे हैं। युवाओं में मधुमेह और दिल की बीमारी बढ़ी है। हाल ही में 13 साल के एक बच्चे की मधुमेह से मौत हो गई। ऐसे हालातों में स्वस्थ रहने के लिए अगर खेल मंत्री स्वस्थ रहने का मंत्र दे रहे हैं तो इसमें आलोचना की करने का क्या बात है? राहुल की देखादेखी उनकी पार्टी के युवा तुर्क, समाजवादी पार्टी के अखिलेश एवं राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव भी राजनीति करने लगे। युवा नेताओं का तमगा लगाने वाले इन नेताओं को कम से कम सेहत के मुद्दे पर तो राजनीति नहीं करना चाहिए। लगता तो यही है कि गांधी जी के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेता उनके स्वस्थ रहने के मूलमंत्र को भूल गए। राहुल गांधी आप भी रोज़ाना व्यायाम करें ताकि स्वस्थ शरीर के साथ आपका मस्तिष्क भी स्वस्थ रहे। देश की सेहत के लिए यह बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि एक तरफ से संघर्ष से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने बाले लोग हैं और दूसरी तरफ राजपरिवारों के युवराजों की फ़ौज है जिनको सत्ता सोने की थाली में परोसकर मिली है अत: राहुल गाँधी, अखिलेश यादव, ज्योतिन्द्र सिंधिया, सचिन पायलेट, उधव ठाकरे, चंद्रबाबू नायडू और तेजस्वी यादव जैसे युवराज जमीन से भुत दूर हैं | इन मुद्दों के बारे में उनकी समझ कम होना स्वभाविक है  

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